आपको 10th open board painting paper most question part – 1, 10वीं ओपन बोर्ड चित्रकला पेपर के मोस्ट प्रश्न मेरी कोचिंग संस्थान के नीचे दिये जा रहे है ।
यह पहला पाठ है । जिसमें आपको 10वीं ओपन बोर्ड चित्रकला पेपर के मोस्ट प्रश्न दिए गए हैं । पिछले सालों में जितने भी 10वीं ओपन बोर्ड के चित्रकला के पेपर हुए हैं । उसमें इन महत्वपूर्ण प्रश्नों से हर बार कोई न कोई प्रश्न पूछा अवश्य जाता है । यह मोस्ट प्रश्न मैंने अपनी कोचिंग संस्थान के नोट्स को टाइप करवा कर आपके लिए फ्री में उपलब्ध करवाए हैं ताकि आप सब 10वीं ओपन बोर्ड में चित्रकला के पेपर में अच्छे अंको से पास हो जाए ।
विशेष– प्रत्येक दिन आपको 10वीं ओपन बोर्ड चित्रकला पेपर के मोस्ट प्रश्नों का एक भाग देखना है और इस भाग के सभी प्रश्नों को याद कर लेना है । इसी प्रकार से आपको सभी पाठों के महत्वपूर्ण प्रश्न मिलते रहेंगे । मुझे उम्मीद है नीचे दिए गए सभी प्रश्न यदि आप याद कर लेते हो तो इन प्रश्नों के सिवाय कुछ भी बाहर से नहीं पूछा जाएगा । पिछले सालो के हर एग्जाम में इन्हीं कोचिंग के महत्वपूर्ण प्रश्नों से ही लगभग बहुत सारे प्रश्न एग्जाम में पूछे जा रहे हैं । अब आप विद्या की देवी सरस्वती का नाम लेकर पहले प्रश्न से ही सभी प्रश्न याद करना शुरू कर दीजिए ।
प्रश्न 1. नृत्य करती हुई लड़की की धातु मूर्ति हमें कहां से प्राप्त हुई ?
उत्तर– नृत्य करती हुई लड़की की धातु की मूर्ति हमें सिंधु घाटी सभ्यता के मोहनजोदड़ो स्थान से प्राप्त हुई है ।
प्रश्न 2. नृत्य करती हुई लड़की की धातु की मूर्ति की ऊंचाई कितनी है ?
उत्तर – नृत्य करती हुई लड़की की धातु की मूर्ति की ऊंचाई लगभग 4 इंच है ।
प्रश्न 3. ‘नाचती हुई लड़की‘ की धातु की मूर्ति में लड़की खड़ी है अथवा बैठी हुई है ?
उत्तर– ‘नाचती हुई लड़की‘ की धातु की मूर्ति में लड़की खड़ी हुई है ।
प्रश्न 4. ‘नाचती लड़की‘ ने क्या परिधान पहन रखा है ?
उत्तर– नाचती लड़की ने कोई भी परिधान ( निर्वस्त्र ) नहीं पहन रखा है । अर्थात ‘नाचती लड़की‘ को धातु की मूर्ति में निर्वस्त्र दिखाया गया है ।
प्रश्न 5. नाचती लड़की की मूर्ति की सर्वाधिक प्रमुख विशेषता क्या है ?
उत्तर– आज की लड़की की मूर्ति की सर्वाधिक प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं –
- धातु की बनी यह मूर्ति सिंधु घाटी के कलाकारों की कलात्मक और तकनीकी कौशल का उत्कृष्ट उदाहरण है ।
- इस मूर्ति का केश विन्यास विलक्षण है ।
प्रश्न 6. नाचती लड़की का केश विन्यास कैसा है ?
उत्तर– नाचती हुई लड़की का केश विन्यास- अन्य देवियों की छोटे कद की मूर्तियों के सजाए गए बालों के समान विलक्षण है एवं एक जुड़े के रूप में बंधी हुए है ।
प्रश्न 7. बैल का शीर्ष कहां मिला ?
उत्तर– बैल का शीर्ष रामपुरवा में मिला ।
प्रश्न 8. बैल के शीर्ष का आधार कैसा है ?
उत्तर – बैल के शीर्ष का आधार एक घंटे के आकार के उल्टे कमल के समान है ।
प्रश्न 9. बैल के शीर्ष के शीर्ष फलक पर क्या रखा गया है ?
उत्तर – बैल के शीर्ष के शीर्ष फलक पर राजकीय बैल का सिर रखा गया है ।
प्रश्न 10. अब बैल का शीर्ष कहां है ?
उत्तर – अब बैल का सिर्फ ‘भारतीय संग्रहालय कोलकाता‘ में है ।
प्रश्न 11. बैल के शीर्ष की अति-विशेषता क्या है ?
उत्तर – बैल के शीर्ष की प्रमुख निम्नलिखित विशेषताएं है-
- अशोक के काल में जितने भी बैल के शीर्ष बने हैं उनमें सांड का शीर्ष सबसे प्रसिद्ध है ।
- बैल के शीर्ष को वर्तमान में रामपुरवा बुल कैपिटल के नाम से जाना जाता है ।
- बैल के शीर्ष की अति विशेषता उस पर की गई पॉलिस की चमक है ।
प्रश्न 12. अजंता की गुफाएं कहां है ?
उत्तर – अजंता की गुफाएं महाराष्ट्र में औरंगाबाद जिले के निकट स्थित है ।
प्रश्न 13. किस चरण में भगवान बुद्ध को प्रतीक के रूप में दिखाया गया है ?
उत्तर – प्रथम चरण ( हीनयान ) मे भगवान बुद्ध को प्रतीकों के रूप में दर्शाया गया है ।
प्रश्न 14. अश्वेत राजकुमारी में किस प्रकार के रंगों का प्रयोग किया गया है ?
उत्तर – अश्वेत राजकुमारी में जिन रंगों का प्रयोग किया गया है वे अत्यंत सहज है तथा उनमें चटकीलेपन का अभाव है ।
प्रश्न 15. अजंता चित्रों के किस चरण में अश्वेत राजकुमारी को बनाया गया है ?
उत्तर – अजंता के चित्रों के दूसरे चरण ( महायान )में अश्वेत राजकुमारी को बनाया गया था ।
प्रश्न 16. अश्वेत राजकुमारी किस युग की कृति हैं ?
उत्तर – अश्वेत राजकुमारी की कृति ( गुप्त वाकाटक के काल ) दूसरी शताब्दी से छठी शताब्दी की है ।
प्रश्न 17. सिंधु घाटी सभ्यता के कार्यों को संक्षेप में लिखिए ?
उत्तर – सिंधु घाटी सभ्यता को अर्पण सभ्यता के नाम से जाना जाता है सिंधु घाटी सभ्यता की खोज के दौरान अनेक कार्य किए गए जिसमें से प्रमुख निम्नलिखित है –
- सिंधु घाटी सभ्यता के लोग सिंधु नदी के आसपास आजीविका चलाने हेतु कृषि कार्य करते थे ।
- सिंधु घाटी नदी के किनारे अनेक वस्तुएं एवं अवशेष पाए गए हैं । जैसे – मोहरे, चीनी मिट्टी का सामान, जेवर, औजार, खिलौने, लघु प्रतिमाएं एवं अन्य उपयोगी वस्तुएं शामिल है ।
- इन वस्तुओं एवं अवशेषों से सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के अनेक कार्यों के बारे में जानकारी मिलती है ।
प्रश्न 18. ‘नाचती लड़की‘ की भाव भंगिमा का वर्णन संक्षेप में कीजिए ?
उत्तर – नाचती लड़की की मूर्ति धातु से बनी हुई है यह सिंधु घाटी के कलाकारों की कलात्मक और तकनीकी कौशल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है । इस नृत्य करती लड़की को निर्वस्त्र दिखाया गया है । वहीं उसके बाएं हाथ में लगभग कंधों तक चूड़ियां पहनी हुई दिखाई गई है । ठीक उसी प्रकार जैसे गुजरात और राजस्थान में आजकल के आदिवासी लोगों को को देखते हैं । दूसरा महत्वपूर्ण आकर्षण उसका केस विन्यास है । जुड़े के तौर पर उनके बाल बांधे गए हैं । यह मूर्ति लेटे रहने की मुद्रा में है । इस मूर्ति की ऊंचाई लगभग 4 इंच ही है । यह मूर्ति मोहनजोदड़ो स्थान से प्राप्त हुई है ।
प्रश्न 19. मौर्य युगीन कला के विषय में संक्षेप में लिखिए ?
उत्तर – भारतीय इतिहास में मोर्य वंशावली का राज्यकाल काफी महत्वपूर्ण रहा है । मौर्य वंश की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने की थी । चंद्रगुप्त मौर्य के पुत्र अशोक महान ने बहुत से जनहित के कार्य किए तथा कला एवं वास्तुकला के उत्थान के लिए भी बहुत ही बड़ा महत्वपूर्ण योगदान दिया था । अशोक बौद्ध धर्म का अनुयाई था और भगवान बुद्ध की शिक्षा के प्रचार एवं प्रसार के लिए उसने पूरे साम्राज्य में स्तंभों एवं शिलालेखों को स्थापित किया था ।
प्रश्न 20. गुप्त युग को भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अथवा प्रतिष्ठित युग क्यों कहा जाता है ?
उत्तर – चंद्रगुप्त प्रथम के द्वारा गुप्त वंश की स्थापना की गई थी । गुप्त वंश के साथ-साथ एक अच्छे शासक तथा सूर्य वीर ही नहीं थे, बल्कि विभिन्न कलाओं के संरक्षक भी थे । गुप्तकालीन युग में मानवीय आकृतियों के प्रस्तुतीकरण में सुधार हुआ । मथुरा, सारनाथ, उज्जैन,अहिछत्र तथा कुछ अन्य नगर इस गुप्त कालीन युग में कला के मुख्य कला केंद्रों के रूप में जाने जाते थे । गुप्तकालीन वास्तुकला के नमूनों में कला में पूर्णता पूर्णता तथा कल्पना की शक्ति का अपूर्व मिश्रण देखने को मिलता है । इसी युग में कालिदास, आर्यभट्ट तथा वराहमिहिर जैसे गणितज्ञ, वैज्ञानिक और महान कवि भी हुए हैं । इसी आधार में गुप्त काल को भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग कहा जाता है ।
प्रश्न 21. मौर्य यूगीन मूर्ति कला की क्या विशेषताएं हैं ?
उत्तर – मौर्य यूगीन मूर्तिकला के निम्नलिखित विशेषताएं हैं-
- मौर्य युग में कला के उच्च स्तरीय नमूने के स्तंभ भारतीय कला की विशाल धरोहर है ।
- मौर्य युग में तकनीकी दृष्टि से उच्च स्तरीय कला के साथ–साथ आम व्यक्ति द्वारा अभिव्यक्ति की प्रथा एवं कला की अभिव्यक्ति के नमूने देवी की विभिन्न मूर्तियों के रूप में उपलब्ध है ।
- मौर्य युग के कलाकारों ने भारतीय कला के इतिहास में एक नए युग का सूत्रपात किया था ।
- मौर्य युगीन मूर्तिकला के सर्वोत्तम उदाहरण मध्य प्रदेश स्थित सांची में देखने को मिलते हैं ।
प्रश्न 22. कुषाणों का क्या योगदान था ?
उत्तर – मौर्य काल के बाद कुषाणों का शासन प्रारंभ हुआ । कुषाण भारत के बाहर से आए थे, परंतु कुषाणों ने भारतीय कला एवं वास्तुकला के उत्थान के लिए अनेक प्रयास किए ।
प्रश्न 23. गुप्तकालीन चित्रों की क्या विशेषताएं हैं ?
उत्तर – गुप्तकालीन चित्रों के निम्नलिखित विशेषताएं हैं –
- गुप्तकालीन चित्रों में होंठो को थोड़ा–सा टेढ़ापन का रूप दिया गया है
- गुप्तकालीन चित्रों में मूर्ति की आकृति को गोलाई के अनुरूप बनाया गया है ।
- गुप्तकाल के अधिकांश चित्र लकड़ी पर की गई खुदाई पर बनाए गए हैं ।
विशेष– मैं उम्मीद करता हूं साथियों आपने 10th Open Board Painting Paper (चित्रकला ) के पहले पाठ के मेरी कोचिंग संस्थान के नोट्स के सभी महत्वपूर्ण प्रश्न पढ़ लिए हैं । यदि नहीं पढ़े है तो दोबारा से आप इन प्रश्नों को याद कर लीजिएगा, क्योंकि इन्हीं में से बहुत सारे प्रश्न आपके एग्जाम में पूछे जाएंगे और हर बार लगभग इन्हीं महत्वपूर्ण प्रश्नों में से ही आपके 10वीं ओपन बोर्ड चित्रकला के पेपर में प्रश्न पूछे जाते हैं ।